केदारनाथ का परिचय-
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हिन्दू धर्म के चार धामों में से एक, केदारनाथ मंदिर के कपाट खुलने और दर्शन होने का श्रद्धालुओं को बेसब्री से इंतजार रहता है। 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक ज्योतिर्लिंग केदारनाथ में स्थित है। केदारनाथ उत्तराखंड राज्य, के गढ़वाल क्षेत्र में रुद्रप्रयाग जिले में स्थित एक नगर है। जो कि रुद्रप्रयाग के मुख्यालय से 86 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। यह मंदिर 3593 मीटर ऊंचाई पर स्थित है। जिसका निर्माण सतयुगी राजा, केदारनाथ जी ने करवाया था। इन्हीं के नाम पर इस स्थान का नाम केदारनाथ पड़ा।यह धाम हर तरफ से पहाड़ों से घिरा हुआ है। वास्तव में केदारनाथ की यात्रा हरिद्वार या ऋषिकेश से ही शुरू हो जाती है। हरिद्वार से ऋषिकेश,देवप्रयाग, श्रीनगर ,रुद्रप्रयाग, तिलवाड़ा ,अगस्तमुनि कुंड ,गुप्तकाशी,नाला,फाटा, रामपुर,सोनप्रयाग, गौरीकुंड, रामबाड़ा तथा गरुड़चड्डी होते हुए केदारनाथ धाम पहुंचा जा सकता है। केदारनाथ की यात्रा धार्मिक उद्देश्य से करने के साथ-साथ प्राकृतिक नजारों के लिए भी कर सकते हैं।
केदारनाथ घूमने का खर्च-
केदारनाथ घूमने के खर्च में आपके रहने खाने-पीने,टैक्सी, बस आदि को शामिल किया जा सकता है।आप का खर्च कितना आएगा, वह इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस परिवहन मार्ग का उपयोग करके केदारनाथ तक पहुंचना चाहते हैं साथ ही आप किस तरह के होटल या रूम में रुकना चाहते हैं। वही आपके खाने- पीने तथा रहने का तौर तरीका और पसंद भी आपके खर्चे को घटाया बढ़ा सकती है। एक व्यक्ति एक व्यक्ति का सामान्यता खर्चा लगभग ₹2000 तक आता है।इस तरह एक व्यक्ति 8000 से ₹10000 में केदारनाथ की यात्रा को पूरी कर सकता है।
यदि आप हरिद्वार से सोनप्रयाग जाना चाहते हैं तो आपके लिए सबसे सही तरीका होगा कि आप बाई रोड सोनप्रयाग तक जाएं।हरिद्वार से सोनप्रयाग के लिए प्राइवेट तथा गवर्नमेंट दोनों तरह की बस चलाई जाती है। आप प्राइवेट बस से यदि जाते हैं तो उसका किराया लगभग ₹700आएगा। कि आप अगर गवर्नमेंट बस से जाते हैं तो यह किराया 400 ही आएगा। जबकि टैक्सी तथा कार या बाइक से आपको ढाई हजार रुपए पर डे के हिसाब से किराया चुकाना पड़ेगा। अब सोनप्रयाग से गौरीकुंड के लिए आपको टैक्सी हो जाती है जो कि ₹50 में आपको गौरीकुंड पहुंचा देगी।सोनप्रयाग से गौरीकुंड की दूरी लगभग 5 किलोमीटर है। अब गौरीकुंड से आपको केदारनाथ के लिए पैदल,पालकी, पिट्ठू या घोड़े का ऑप्शन उपलब्ध हो जाएगा। यहां पर पालकी पिट्ठू या घोड़े लगभग 1800 से 2000 के बीच में आपको उपलब्ध हो जाएंगे।
केदारनाथ घूमने कैसे जाएं-
चारों धामों में से एक केदारनाथ की यात्रा यदि आप करना चाहते हैं।तो आपके मन में यह प्रश्न अवश्य आता है कि हम केदारनाथ तक की यात्रा किस परिवहन मार्ग के द्वारा कब पूरी करेंगे। आप केदारनाथ की यात्रा तीनों ही मार्ग से पूरी कर सकते हैं ।जिसमें की रेलमार्ग, सड़क मार्ग, और वायु मार्ग शामिल है। लेकिन हम आपको बता दें कि इन तीनों के माध्यम से आप ज्यादा से ज्यादा गौरीकुंड तक ही जा सकते हैं।उसके पश्चात आपको लगभग 15 से 20 किलोमीटर की दूरी पैदल ,पालकी, पिट्ठू या फिर घोड़े से पूरी करनी पड़ेगी।
सड़क मार्ग द्वारा केदारनाथ कैसे जाएं-
यदि अपनी केदारनाथ की यात्रा यात्रा और सड़क मार्ग द्वारा पूरी कर रहे हैं। तो आपको यह पता होना बहुत जरूरी है, कि आप देश के विभिन्न प्रमुख नगरों से बस द्वारा हरिद्वार ,ऋषिकेश या देहरादून आसानी से आ सकते हैं।परंतु सामान्यता लोगों की पसंद यह है कि लोग हरिद्वार आ कर के वहां से केदारनाथ की यात्रा पूरी करें। यदि आप भी हरिद्वार आ करके अपनी केदारनाथ की यात्रा पूरी करना चाहते हैं। तो हम आपको बता दें कि हरिद्वार बस से आपको सोनप्रयाग आना पड़ेगा। सोनप्रयाग से आपको गौरीकुंड के लिए टैक्सी मिल जाएगी।
रेल मार्ग द्वारा केदारनाथ कैसे जाएं-
केदारनाथ की यात्रा यदि आप ट्रेन के द्वारा पूरी करना चाहते हैं। तो हम आपको बता दें कि केदारनाथ से सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन कोटद्वार है जो कि केदारनाथ से 260 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। तथा एक अन्य रेलवे स्टेशन ऋषिकेश है जो कि केदारनाथ से 229 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। यहां पहुंचने के पश्चात आपको बाई रोड प्राइवेट टैक्सी, कार या फिर बस के द्वारा गौरीकुंड तक जाना होगा।
वायु मार्ग द्वारा केदारनाथ कैसे जाएं-
केदारनाथ का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा जैली ग्रांट है।जो कि 246 किलोमीटर दूरी पर स्थित है।यहां से केदारनाथ के लिए हवाई सेवा अभी जल्द ही शुरू की गई है। इसके अलावा उत्तराखंड सरकार द्वारा अगस्त मुनि तथा फाटा से केदारनाथ के लिए पवन हंस नामक हेलीकॉप्टर सेवा भी उचित दाम पर उपलब्ध कराई जा रही है।
केदारनाथ घूमने जाए तो साथ में क्या-क्या ले जाएं-
पहाड़ों से चारों तरफ गिरे हुए केदारनाथ धाम में सर्दी बहुत अधिक पड़ती इसलिए जब भी आप वहां जाएं तो अपनी गर्म कपड़े, जूते,जैकेट्स, सॉक्स ग्लब्स, के साथ-साथ अपने दैनिक जीवन के अति आवश्यक चीजों को अवश्य ले जाएं इसके अलावा आप अपना आधार कार्ड वोटर आईडी जैसे किसी भी पहचान पत्र को अवश्य ले जाएं।
केदारनाथ घूमने कब जाएं –
सर्दियों में भारी बर्फ पड़ने के कारण यहां के मार्ग और मंदिर बंद कर दिए जाते हैं।नवंबर से अप्रैल तक के समय में केदारनाथ का कपाट बंद ही रहता है । यहां के स्थानीय लोगयह से पलायितहो जाते हैं। केदारनाथ जी की पालकी गुप्तकाशी के पास उखिमठ नामक जगह पर ले जाया जाता है।केदारनाथ जाने का सबसे अच्छा समय मई से अक्टूबर के मध्य होता है। यद्यपि केदारनाथ के बंद होने और खुलने का समय अलग अलग होता है। परंतु हिंदू पंचांग के अनुसार अक्षय तृतीया को केदारनाथ के कपाट खुलता है। तथा दिवाली के आसपास बंद हो जाता है।
केदारनाथ घूमने जाएं तो कहां रुके-
आपकी केदारनाथ की यात्रा वास्तव में हरिद्वार से या ऋषिकेश से ही शुरू हो जाती है। वहां से आगे बढ़ने पर आपको अनेक धार्मिक स्थल मिल जाएंगे जिसका दर्शन करते हुए आप केदारनाथ तक पहुंच सकते हैं।उसके साथ-साथ आप बीच-बीच में विश्राम करते हुए तथा रातें बिताते हुए अपनी यात्रा को पूरी करें। क्योंकि गौरीकुंड से पहाड़ी रास्ते पर चलते समय आप अधिक थक जाएंगे। साथ ही गौरीकुंड से केदारनाथ की यात्रा मैं दोपहर के बाद का मौसम अक्सर खराब हो जाता है, इसलिए भी आप विश्राम करने के लिए होटल्स ,गेस्ट हाउस, जीएमवीएन, आदि में रुक सकते हैं। आइए हम इनके बारे में जानते हैं….
होटल्स-
गेस्टहाऊस-
केदारनाथ में कैसे घूमे-
यदि आप केदारनाथ की यात्रा पर जा रहे हैं, तो आप सोनप्रयाग पहुंच करके यह से बाइक, कार, टैक्सी, बुलेट ,आदि रेंट पर भी लेकर के आगे की यात्रा को तय कर सकते हैं। इसके अलावा आप गवर्नमेंट बस से या प्राइवेट बसों के माध्यम से अपने डेस्टिनेशन तक पहुंच सकते हैं।इसके अलावा आप चाहे तो स्थानीय पर्यटक हेल्प सेंटर से गाइड की सुविधा भी ले सकते हैं। जो आपको आगे की यात्रा करने में मदद करेगा।
सतयुगी, हिंदू धर्म का पवित्र स्थल, केदारनाथ का दर्शन करने हम अपनी धार्मिक आस्था के कारण जाते। परन्तु हमें इस बात का ख्याल अवश्य रखना होगा, कि इसकी स्वच्छता और सुंदरता में कोई दाग न लगे। इसलिये हमें यहां- वहां कूड़ा-कचरा न फैला कर अपना योगदान देना होगा ,यही हमारी टीम trippundit की आपसे अपेक्षा और अपील है।