ऋषिकेश का परिचय-
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योग कैपिटल ऑफ द वर्ल्ड तथा गढ़वाल हिमालय के प्रवेश द्वार, के रूप में विख्यात ऋषिकेश,उत्तराखंड के देहरादून जिले में स्थित एक नगर है।यह हिंदू धर्म का एक प्रमुख तीर्थ स्थल है।वही यह अपनी प्राकृतिक सुंदरता तथा एडवेंचर के लिए भी काफी विख्यात है। ऋषिकेश अपने शांत और स्वच्छ वातावरण के कारण ऋषि-मुनियों तथा अन्य लोगों को योग, ध्यान के लिए काफी आकर्षित करता रहता है। यदि आप एक शांत सुंदर व धार्मिक स्थल परजाना चाह रहे हैं।तो आप ऋषिकेश अवश्य जाएं। ऋषिकेश हरिद्वार से लगभग 25 किलोमीटर उत्तर तथा देहरादून से लगभग 46 किलोमीटर दक्षिण- पूर्व में स्थित है।यहां पर देश-विदेश के पर्यटक अपनी आध्यात्मिक सुख की प्राप्ति के लिए वर्ष भर आते रहते हैं।
ऋषिकेश घूमने का खर्च-
ऋषिकेश घूमने का प्लान बनाते समय आपके मन में यह प्रश्न अवश्य आता है। कि अगर ऋषिकेश घूमने जा रहे हैं तो हम कितना बजट मानकर चलें कि इतने में हमारी ट्रिप आसानी से पूरी हो जाएगी।हम आपको बता दें कि अगर आपका बजट कम है तो आप ऋषिकेश में उपलब्ध धर्मशाला तथा आश्रम में बिना किसी खर्च के भी रुक सकते हैं। तथा आप अपने बजट के अनुसार परिवहन साधनों का उपयोग करके ऋषिकेश तक पहुंच सकते हैं। कुल मिलाकर हम यह कह सकते हैं कि ऋषिकेश घूमने के खर्च में यदि हम चाहे तो कम से कम बजट में भी ऋषिकेश घूम सकते हैं।
ऋषिकेश कैसे जाएं-
ऋषिकेश हम परिवहन के तीनों माध्यम हवाई मार्ग ,सड़क मार्ग तथा रेल मार्ग द्वारा आसानी से पहुंच सकते हैं। क्योंकि यह स्थान तीनों माध्यमों से जुड़ा हुआ है।आइए इस लेख में हम एक-एक कर तीनों के बारे में जानते हैं।
हवाई मार्ग द्वारा ऋषिकेश कैसे पहुंचे-
ऋषिकेश से निकटतम हवाई अड्डा देहरादून में स्थित जौलीग्रांट हवाई अड्डा है। जो कि यहां से लगभग 35 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। इस हवाई अड्डे के लिए दिल्ली तथा लखनऊ से उड़ाने उपलब्ध है।देहरादून पहुंच कर आप टैक्सी या बस द्वारा ऋषिकेश तक आसानी से पहुंच सकते हैं। जिसके लिए आपको लगभग 1 घंटे का सफर तय करना पड़ेगा।
सड़क मार्ग द्वारा ऋषिकेश कैसे पहुंचे-
ऋषिकेश राष्ट्रीय राजमार्ग 58 से अन्य शहरों से जुड़ा हुआ है।आप बस, टैक्सी या अपनी गाड़ी से आसानी से ऋषिकेशपहुंच सकते हैं।
ट्रेन मार्ग द्वारा ऋषिकेश कैसे पहुंचे-
ऋषिकेश से निकटतम रेलवे स्टेशन हरिद्वार है।जो लगभग यहां से 25 किलोमीटर की दूरी पर है। हरिद्वार भारत के प्रमुख शहर जैसे दिल्ली, मुंबई,कोलकाता, लखनऊ आदि से अच्छे से जुड़ा हुआ है। हरिद्वार पहुंचकर आप टैक्सी बस से ऋषिकेश की यात्रा पूरी कर सकते हैं।
ऋषिकेश घूमने कब जाएं-
वैसे तो आप ऋषिकेश साल भर में कभी भी जा सकते हैं। लेकिन ऋषिकेश घूमने का सबसे अनुकूल समय सर्दी का समय होता है।अर्थात दीपावली से होली के बीच का समय सबसे पीक टाइम होता है। ऋषिकेश पहाड़ी क्षेत्र में स्थित होने के कारण बरसात का मौसम यहां घूमने के लिए कम अच्छा माना जाता है क्योंकि कभी कभार यहां पर लैंडस्लाइड वगैरह होने के कारण रास्ते बंद हो जाते हैं।आपको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
ऋषिकेश घूमने जाए तो कहां रुके-
यदि आप ऋषिकेश घूमने जा रहे हैं।तो हम आपको बता दें कि यहां पर आप बिना किसी पैसे के आराम से रुक सकते हैं। इसके लिए यहां पर कई सारे आश्रम है।जैसे परमार्थ निकेतन, स्वर्गाश्रम,गीता भवन,मधुबन आश्रम आदि है जहां पर आप ना केवल रुक सकते हैं बल्कि खाना भी खा सकते हैं।उसके अलावा यदि आप किसी अन्य जगह पर रुकना चाहते हैं।तो उसके लिए यहां पर कई रिजॉर्ट्स तथा कैंपिंग हर बजट में उपलब्ध हो जाएंगे। साथ ही साथ हम आपको बता दें कि यहां पर धर्मशालाएं भी है। इसमें आप रुक सकते हैं आइए आगे के लेख में हम आपको कुछ अन्य रुकने की जगह है बताते हैं।
होटल्स-
गेउस्त हॉउस-
रिजॉर्ट्स-
ऐरबनब-
ऋषिकेश में घूमने की प्रमुख जगहें-
राम झूला-इसे शिवानंद झूला भी कहते हैं।गंगा नदी के दोनों किनारों से जोड़ता हुआ यह झूला विक्रम संवत 1996 में बनवाया गया था। यहां पर लक्ष्मण तथा रघुनाथ मंदिर है। इस झूले पर खड़े होकर सुंदर प्राकृतिक नजारों को देखा जा सकता है।यहां बैठकर दर्शन मात्र से आध्यात्मिक सुख की अनुभूति होती है।
भरत मंदिर-ऋषिकेश का सबसे पुराना मंदिर आचार्य शंकराचार्य द्वारा बनवाया गया है। यह मंदिर हिंदू धर्म के श्रद्धालुओं के लिए काफी महत्वपूर्ण स्थान है।
गीता भवन-रामायण तथा महाभारत के चित्र से सजी दीवार लोगों के आकर्षण का केंद्र है। यहां पर आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी तथा गीता प्रेस गोरखपुर की एक शाखा भी है। शाम के समय यहां पर वैदिक मंत्रों तथा संगीत का आनंद पर्यटकों को आकर्षित करता है।
नीलकंठ महादेव मंदिर-यह मंदिर 5500 फीट ऊंचाई पर स्थित है ।ऐसा माना जाता है कि समुद्र मंथन के समय निकलने वाले विष को शिवजी ने यहीं पर पिया था। उन्हीं के नाम पर यह मंदिर नीलकंड महादेव मंदिर कहलाया। इस मंदिर में स्थित झरने में स्नान करने के लिए लोग बहुत दूर-दूर से आते हैं।
स्वर्ग आश्रम-विशुद्धानंद द्वारा स्थापित आश्रम एक सुंदर स्थान है। यहां पर अनेक मंदिर बने हुए हैं।जहां पर आध्यात्मिक सुख के अलावा, जायकेदार भोजन का भी लुफ्त उठाया जा सकता है।
रिवर राफ्टिंग तथा बंजी जंपिंग-एडवेंचर तथा खेल गतिविधियों के शौकीन लोगों के लिए यहां पर रिवर राफ्टिंग तथा बंजी जंपिंग की सुविधा उपलब्ध है।
राजाजी नेशनल पार्क-प्राकृतिक सुंदरता तथा एडवेंचर के शौकीन लोगों के लिए यह स्थान काफी लुभावनी है। यहां पर वाइल्डलाइफ सफारी का आनंद लिया जा सकता है।
ऋषि कुंड -ऋषि कुंड अपने प्राकृतिक रूप से गर्म पानी स्रोत के कारण लोगों का आकर्षण का केंद्र बना रहता है। ऐसा माना जाता है कि राम जी अपने वनवास के दौरान इस स्थान पर स्नान किए थे।इसलिए यह स्थान श्रद्धालुओं के लिए काफी महत्वपूर्ण हो जाता है।
कैलाश निकेतन मंदिर-लक्ष्मण झूले को पार करते ही, यह मंदिर 12 खंडों में बना हुआ है। यह अपनी स्थापत्य कला के कारण ऋषिकेश के अन्य मंदिरों से एकदम अलग है।
वशिष्ठ गुफा-ऋषिकेश से 22 किलोमीटर दूरी पर स्थित यह 3 लगभग 3000 साल पुरानी गुफा ऋषि-मुनियों को योग, ध्यान के लिए खूब आकर्षित करती रहती है।
ऐम्स -भारत का दिल्ली के बाद सेकंड लार्जेस्ट चिकित्सालय यही ऋषिकेश में स्थित है।अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के नाम से जाने जाने वाला या चिकित्सालय लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र भी है।
परमार्थ निकेतन -परमार्थ निकेतन को योग केंद्र, सामाजिक सहयोग तथा भंडारा, हवन कुंड आदि के लिए विशेष रूप से जाना जाता है। यहां पर रहने की फ्री व्यवस्था के साथ-साथ पेड सुविधा भी उपलब्ध है।परमार्थ निकेतन विदेशी सैलानियों की प्रमुख पसंद है।
त्रिवेणी घाट की आरती-हिंदू धर्म में प्रसिद्ध स्नान का प्रमुख स्थान त्रिवेणी घाट है।जहां पर लाखों श्रद्धालु हर साल डुबकी लगाते हैं।य।हां पर गंगा, यमुना,सरस्वती का संगम होता है। जो गो।धूल के समय होने वाली आरती यहां का वातावरण दैवीय बना देती है।
गंगा तट पर शिव मूर्ति-ऋषिकेश में गंगा के तट पर बनी सुंदर शिव मूर्ति श्रद्धालुओं को अपनी तरफ खींचती है।
अन्य स्थान-ऋषिकेश में इन सब जगहों के अलावा मोहन चट्टी ,मुनी की रेती, बीटल्स आश्रम जैसे अन्य कई स्थान है जो कि पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं।
ऋषिकेश कैसे घूमे
आप ऋषिकेश पहुंच कर अपने आप से लोकल टैक्सी,ऑटो, आदि का उपयोग करके जगह-जगह जा करके अपनी ट्रिप को इंजॉय कर सकते हैं। इसके अलावा यदि आप चाहें तो आप टूरिस्ट कार या बाइक, स्कूटी, बुलेट किराए पर ले कर के भी ऋषिकेश को घूम सकते हैं। यदि आप चाहें तो टूरिस्ट गाइड भी ले सकते हैं।
योग, ध्यान ,अध्यात्मिक नगरी में जब भी आप घूमने जाएं, तो इस बात को ध्यान में रखें कि अपनी इस अतुलनीय विरासत को कोई क्षति ना पहुंचाएं। इधर-उधर अनावश्यक रूप से कूड़ा-कचरा ना फैलाकर के उसके स्वच्छता- सुरक्षा में अपना योगदान अवश्य दें।यहीं हमारी टीम trippundit की आपसे अपेक्षा और अपील है।